। वामपंथी दलों और पूर्व केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी ने हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने वाले अभियुक्तों की पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत की निन्दा करते हुए उसपर सवाल खड़े किए हैं। वामपंथी दलों ने इसे फर्जी मुठभेड़ करार देते हुए इसे गैर न्यायिक हत्या का मामला बताया। वहीं, मेनका गांधी ने इसे भयानक घटना करार देते हुए कहा कि इससे देश की न्यायिक प्रणाली पर सवालिय़ा निशान लग गया है।
गैर न्यायिक हत्या कतई ठीक नहीं : सीताराम येचुरी
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि न्यायिक हिरासत में कैदियों की हत्य़ा को महिलाओं की सुरक्षा के सामधान के रूप में तो कतई नहीं देखी जा सकता। बदले को न्याय नहीं कहा जा सकता। हम जिस समाज में रह रहे हैं, वहां लोगों की जिंदगी और अस्मिता सुरक्षित नहीं है। येचुरी ने सवाल उठाया कि आखिर वर्ष 2012 में महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए सख्त कानूनों का सख्ती से पालन क्यों नहीं किय़ा गया?
एनकाउंटर की उच्च स्तरीय जांच होः एनी राजा, सीपीआई नेता
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन की महासचिव व सीपीआई नेता एनी राजा ने हैदराबाद एनकाउंटर की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए घटना की घोर शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि किसी आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया के दौरान मारना एक हत्या है। इसके लिए दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। देश संविधान से चलता है, जंगल कानून से नहीं। ऐसा ही चलता रहेगा तो एक दिन किसी का भी एनकाउंटर कर उन्हें अपराधी बता दिया जाएगा।
चाहे कितना भी जघन्य अपराध हो, एनकाउंटर समाधान नहींः योगेन्द्र यादव अध्यक्ष, स्वराज अभियान
योगेन्द्र यादव ने कहा कि चाहे कितना भी जघन्य अपराध हो, एनकाउंटर उसका हल नहीं है। इसे समाधान की तरह देखा जाए तो इससे कानूनी प्रक्रिया से सभी का भरोसा उठ जाएगा। सरकार की समझ पर अफसोस होता है। आज ये अपराधी शिकार हुए, भविष्य में हम और आप भी इसके शिकार हो सकते हैं।
पुलिस को मॉब लिंचर की तरह पेश नहीं आना चाहिएः कविता कृष्णन, सदस्य, पोलित ब्यूरो
ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमेन एसोसिएशन की सचिव व पोलित ब्यूरो की सदस्य कविता कृष्णन ने कहा कि पुलिस को मॉब लिंचर की तरह पेश नहीं आना चाहिए। यह एनकाउंटर जनता का ध्यान असली समस्याओं से भटकाने के लिए किया गया है। उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह एक सोची समझी चाल थी। पुलिस अपनी जिम्मेदारियों से बच रही और वह जिम्मेदारी लेने की बजाय मॉब लिंचिंग के नेताओं की तरह पेश आ रही है। यह बेहद अफसोसजनक है।
इस तरह की गैर न्यायिक हत्या मासूम लोगों को अपना शिकार बनाएगाः जयप्रकाश नरायण, अध्यक्ष, लोक सत्ता पार्टी
दुष्कर्म के अपराधी को सख्त सजा दी जानी चाहिए, लेकिन कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत होनी चाहिए। यह घटना दर्शाती है कि पुलिस कितनी दवाब में थी। इस तरह गैरन्यायिक हत्या से तो निर्दोष लोग भी लपेटे में आएंगे। इस तरह के कदम से बचना चाहिए।
जो हुआ भयनाक हुआ : मेनका गांधी
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद मेनका गांधी ने कहा कि जो हुआ वो बहुत भयानक हुआ। पुलिस को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए। अपराधियों को अदालत के माध्यम से सजा मिलनी चाहिए। अगर किसी मामले में देरी हो भी रही है तो उसके लिए न्यायिक व्यवस्था है। अगर ऐसा ही होगा तो अदालत, पुलिस और कानून की क्या जरूरत है?