राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिला सशक्तीकरण की दिशा में काम करने वाली 15 असाधारण महिलाओं को 'नारी शक्ति' पुरस्कार-2019 सम्मानित किया।
राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र (आरबीसीसी) में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति ने आरिफा जान (श्रीनगर, जम्मू कश्मीर), बीना देवी (मुंगेर बिहार), चामी देवी मुर्मू (राजनगर, झारखंड), कलावती देवी (कानपुर उत्तर प्रदेश), कौशिकी चक्रवर्ती (कोलकाता, पश्चिम बंगाल), निलजा वांग्मो ( लेह, लद्दाख), पडाला भूदेवी (श्रीकाकुलम आंध्र प्रदेश), रश्मी उध्वेरेषे (पुणे महाराष्ट्र), सरदारनी मान कौर (पटियाला पंजाब), कार्तयायिनी अम्मा (कोलम, अलप्पा, केरल), मोहना सिंह (आगरा, उत्तर प्रदेश), भावना कंठ (दरभंगा, बिहार) और अवनी चतुर्वेदी (रीवा, मध्य प्रदेश), जुड़वा बहनें ताशी मलिक और नुंग्शी मलिक (देहरादून उत्तराखंड) को नारी शक्ति पुरस्कार-2019 दिया।
आरिफा जान (श्रीनगर, जम्मू कश्मीर) : आरिफा ने तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए गलीचा बनाने की कश्मीर की प्रसिद्ध पारंपरिक हस्तकला 'नमधा' को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ 100 महिलाओं को प्रशिक्षित कर अनेकों को प्रेरित किया।
बीना देवी (मुंगेर बिहार) : बीना देवी को मशरूप महिला के रूप में जाना जाता है। वह तेतियाबंबर ब्लॉक के धौरी पंचायत की सरपंच भी रह चुकी हैं। बीना ने किसानों को मशरूम की खेती के साथ-साथ ऑर्गेनिक कीटनाशक बनाने के लिए प्रेरित किया है।
चामी देवी मुर्मू (राजनगर, झारखंड) : लेडी टार्जन के रूप में विख्यात चामी मुर्मू जंगलों और वन्य जीवों को रक्षा करने के साथ-साथ क्षेत्रीय लोगों की आजीविका बढ़ाने में मदद करती हैं।
कलावती देवी (कानपुर उत्तर प्रदेश) : 58 वर्षीय कलावती देवी एक महिला राजमिस्त्री हैं। अब तक चार हजार से अधिक शौचालय बनाने में सहयोग कर चुकी हैं। वह कानपुर को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए कार्य कर रही हैं।
कौशिकी चक्रवर्ती (कोलकाता, पश्चिम बंगाल) : कौशिकी चक्रवर्ती 15 वर्षों से अधिक की अनुभवी एक भारतीय शास्त्रीय संगीत गायिक और ख्याल तथा ठुमरी की प्रतिपादक हैं।
निलजा वांग्मो ( लेह, लद्दाख) : निलजा वांग्मो एक उद्धमी हैं जो अलची किचन रेस्तरां चला रही हैं। यह लद्दाख की विस्मृत व्यंजनों सहित पारंपरिक लद्दाखी व्यंजनों को पुरर्जीवित कर उनमें खुद की कुछ नई कृतियों को भी जोड़ा है।
पडाला भूदेवी (श्रीकाकुलम आंध्र प्रदेश) : पडाला भूदेवी महिला कृषकों एवं ग्रामीण उद्धमी महिलाओं के लिए एक आदर्श हैं। वह चिन्नाई आदिवासी विकास सोसाइटी के माध्यम से आदिवासी महिलाओं के विकास के लिए काम कर रही हैं।
रश्मी उध्वेरेषे (पुणे महाराष्ट्र) : रश्मी उध्वेरेषे एक ऑटोमोटिव और आर एंड डी प्रोफेशनल हैं।
सरदारनी मान कौर (पटियाला पंजाब) : 93 साल की उम्र में अपना एथलेटिक करियर शुरू करने वाली मान कौर को ‘चंडीगढ़ का चमत्कार’ के रूप में जाना जाता है। मानने दुनिया भर के मास्टर्स खेलों में 20 से अधिक पदक जीत हैं तथा फिट इंडिया अभियान से भी जुड़ी रही हैं। वह ऑकलैंड के स्काई टॉवर (2017) के शिखर पर चलने वाली सबसे उम्रदराज महिला हैं। उन्होंने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम में आयोजित बोर्न 2 रन हाफ मैराथन में भी भाग लिया था।
मोहना सिंह (आगरा, उत्तर प्रदेश), भावना कंठ (दरभंगा, बिहार) और अवनी चतुर्वेदी (रीवा, मध्य प्रदेश) : भारतीय वायु सेना में महिला लड़ाकू विमान पायलट के रूप में स्थाई कमीशन पाने वाली प्रथम बैच की अधिकारी मोहना सिंह (आगरा, उत्तर प्रदेश), भावना कंठ (दरभंगा, बिहार) और अवनी चतुर्वेदी (रीवा, मध्य प्रदेश) को पुरस्कार दिया गया।
कार्तयायिनी अम्मा (कोलम, अलप्पा, केरल) : केरल की प्यारी दादियों भागीरथी अम्मा और कार्तयायिनी अम्मा ने कक्षा चार के समकक्ष साक्षरता की परीक्षा उत्तीर्ण कर यह साबित कर दिया कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। 105 साल की भागीरथी अम्मा केरल राज्य साक्षरता मिशन के तहत सबसे बुजुर्ग साक्षर हैं। वृद्धावस्था के कारण वह पुरस्कार समारोह में नहीं आ सकीं। 96 वर्षीय कार्तयायिनी अम्मा ने करेल के अलप्पुझा में साक्षरता मिशन की योजना ‘अक्षरलक्षम’ के तहत अगस्त 2018 में आयोजित चौथी कक्षा की टेस्ट परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक के साथ प्रथम श्रेणी हासिल की थी।
ताशी मलिक और नुंग्शी मलिक (देहरादून उत्तराखंड) : हॉकी व एथलेटिक्स खिलाड़ी जुड़वा बहनें ताशी मलिक और नुंग्शी मलिक (देहरादून उत्तराखंड) को भी सम्मानित किया गया। दोनो बहने छह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करा चुकी हैं।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण, गजेंद्र सिंह शेखावत और रत्नलाल कटारिया भी मौजूद थे। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित नारी शक्ति पुरस्कार प्रतिवर्ष 8 मार्च को प्रदान किया जाता है।
राष्ट्रपति ने इससे पहले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि यह दिवस, समाज, देश एवं विश्व के निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका तथा अथक प्रयासों के लिए, उनके प्रति सम्मान प्रदर्शित करने का अवसर है।
महिला सुरक्षा का संकल्प लेने का आह्वान करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आइए, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, हम सब महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने का संकल्प दुहराएं, जिससे कि वे अपनी इच्छानुसार, अपनी आशाओं व आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में निर्बाध रूप से आगे बढ़ती रहें।
पुरस्कार समारोह से पहले, 'स्वच्छ भारत- भारत की स्वच्छता कहानी' की एक विशेष स्क्रीनिंग आयोजित की गई। यह लघु फिल्म स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण भारत में हुए व्यापक व्यवहार परिवर्तन को दिखाती है, और महिलाओं ने 55 करोड़ से अधिक लोगों को खुले में शौच की पुरानी प्रथा से दूर करने के लिए भूमिका निभाई है।